सनातन धर्म कालेज(लाहौर), अम्बाला छावनी
एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
डा० बी० आर० अम्बेडकर की मानवीय चेतना और भारतीय संस्कृति
Dr B. R. Ambedkar’s Human Consciousness and Indian Culture
प्रायोजक – सेन्टर फ़ार डा० बी०आर० अम्बेडकर स्टडीज़, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र
आयोजक- संस्कृत विभाग, एस० डी० कालेज (लाहौर), अम्बाला छावनी
दिनाँक – १० जनवरी,२०११
समय – १०.०० प्रातः से दोपहर २.०० बजे तक
स्थान – कालेज सभागार
सेन्टर फ़ार अम्बेडकर स्टडीज़ के सौजन्य से संस्कृत विभाग उपरोक्त विषय पर आपको सार्थक विचार-विमर्श करने के लिए संगोष्ठी में सादर आमन्त्रित करता है।
संगोष्ठी का सकारात्मक उद्देश्य समाज के विभिन वर्गों और विचारधाराओं में सम्वाद स्थापित कर एक नए वैकल्पिक समाज की संकल्पना करने का प्रयत्न है जो न तो परम्परा से विच्युत हो और न ही विकृतियों से संलिप्त हो। वास्तविक मनुष्यता के मूल प्रश्नों – बुभुक्षा, भय, जिज्ञासा और सौन्दर्य-बोध को कैसे परिभाषित और मूल्याँकित किया जाए –यह जानने और समझने के लिए इस सम्वाद का आयोजन किया जा रहा है। डा० अम्बेडकर ने भारतीय परमपरा में जिन विकृतियों को देखा, अनुभव किया और संस्कारों की चेतना के अनुकूल गुणाधान दोष-मार्जन से समाज के व्यवहार और समझ में परिवर्तन लाने का जो प्रयत्न किया वह पुनः पुनः विश्लेषण की अपेक्षा रखता है। भारतीय चेतना की मूल धारा और डा० अम्बेडकर के चिन्तन में क्या समानताएँ, दिशाएँ या आयाम हैं उन सबका समालोचन आप सुविज्ञ जनों द्वारा अपेक्षित है।
आशुतोष आंगिरस
संयोजक
http://sanatansanskrit.blogspot.com/
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